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हरियाणा में भाजपा को झटका, अशोक तंवर कांग्रेस में शामिल:इनका 9 सीटों पर असर; 5 साल में 4 पार्टियां बदलीं, अपनी पार्टी भी बनाई थी

हैरानी की बात ये है कि अशोक तंवर गुरुवार को जींद के सफीदों में BJP के लिए प्रचार कर रहे थे. इसके कुछ घंटे बाद वह महेंद्रगढ़ में राहुल गांधी से मिले. इसके बाद उनके कांग्रेस में शामिल होने की खबर आई. तंवर 5 साल में 4 राजनीतिक पार्टियां बदल चुके हैं.

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Elections 2024) के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) को करारा झटका लगा है. पूर्व सांसद अशोक तंवर (Ashok Tanwar) ने चुनाव से ऐन वक्त पहले कांग्रेस (Congress) का हाथ थाम लिया है. हैरानी की बात ये है कि अशोक तंवर गुरुवार को जींद के सफीदों में BJP के लिए प्रचार कर रहे थे. इसके कुछ घंटे बाद वह महेंद्रगढ़ में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मिले. इसके बाद उनके कांग्रेस में शामिल होने की खबर आई. तंवर 5 साल में 4 राजनीतिक पार्टियां बदल चुके हैं. अशोक तंवर ने 5 साल पहले हुड्‌डा से मतभेद की वजह से ही कांग्रेस छोड़ी थी.

अशोक तंवर ने 1993 में अपनी राजनीतिक पारी कांग्रेस से ही शुरू की थी. 2003 में वह कांग्रेस पार्टी के छात्र विंग, NSUI और 2005 में यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए थे. यूथ कांग्रेस में उन्होंने राहुल गांधी के साथ काम किया. राहुल गांधी ने ही 2014 में अशोक तंवर को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की जिम्मेदारी सौंपी थी.अशोक तंवर सिरसा से कांग्रेस सांसद और 2014-2019 के बीच हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ थे. इसी दौरान उन्होंने पार्टी छोड़ दी.

अपनी पार्टी फेल हुई, तो TMC में हुए शामिल
कांग्रेस छोड़ने के बाद 2021 में उन्होंने अपनी पार्टी बनाई. इस पार्टी का नाम उन्होंने ‘अपना भारत मोर्चा’ रखा. हालांकि, ये फेल रही. इसके बाद वह ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए. TMC में करीब 6 महीने रहने के बाद वहां से भी इस्तीफा दे दिया.

AAP के बाद फिर BJP का चुना साथ
4 अप्रैल 2022 को अशोक तंवर AAP में शामिल हो गए. इसके बाद 2024 में AAP छोड़कर BJP में शामिल हो गए. BJP ने उन्हें सिरसा लोकसभा सीट से टिकट दिया था. इस सीट पर उनका मुकाबला कांग्रेस की कुमारी शैलजा से था. लोकसभा चुनाव में शैलजा ने अशोक तंवर को 2,68,497 वोटों से हराया था.

हुड्डा से हमेशा रहा मनमुटाव
हालांकि, तंवर और भूपेंद्र हुड्डा में हमेशा मनमुटाव बना रहा. कहा जाता है कि हुड्डा की वजह से ही अशोक तंवर ने हरियाणा प्रदेश कांग्रे कमेटी की कुर्सी छोड़ दी. फिर 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले टिकट बंटवारे से नाराज होकर उन्होंने पार्टी ही छोड़ दी.

कांग्रेस ने किया स्वागत
अशोक तंवर के कांग्रेस में शामिल होने पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा- “कांग्रेस ने लगातार शोषितों, वंचितों के हक की आवाज़ उठाई है. संविधान की रक्षा के लिए पूरी ईमानदारी से लड़ाई लड़ी है. हमारे इस संघर्ष और समर्पण से प्रभावित होकर आज BJP के सीनियर नेता, पूर्व सांसद और हरियाणा में BJP की कैंपेन कमेटी के सदस्य अशोक तंवर कांग्रेस में शामिल हो गए. उनके आने से दलितों के हक की लड़ाई को और मज़बूती मिलेगी.”

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