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आधी सदी का विवाद खत्म, मॉरीशस को ‘चागोस’ द्वीप लौटाएगा ब्रिटेन, क्यों हिंद महासागर में अहम है जगह?

आधी सदी का विवाद खत्म, मॉरीशस को ‘चागोस’ द्वीप लौटाएगा ब्रिटेन, हिंद महासागर में अहम है जगह
ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच आखिरकार चागोस द्वीप समूह को लेकर समझौता हो गया है। जानकारी के मुताबिक, ब्रिटेन हिंद महासागर में स्थित सामरिक रूप से महत्वपूर्ण चागोस द्वीप समूह को मॉरीशस को सौंपने पर सहमत हो गया है। आपको बता दें कि इस द्वीप को लेकर दोनों देशों के बीच बीते आधे सदी से ज्यादा समय से विवाद चल रहा था।
UK-US सैन्य अड्डा संचालित करते रहेंगे
ब्रिटेन ने कहा है कि समझौते के तहत वह चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता को मॉरीशस को सौंप देगा। इस समझौते के बाद दशकों पहले द्वीप से विस्थापित हुए लोगों को घर लौटने की मंजूरी मिल जाएगी। हालांकि, ब्रिटेन डिएगो गार्सिया पर स्थित यूके-अमेरिकी सैन्य अड्डे का इस्तेमाल करना जारी रखेगा। बता दें कि ब्रिटेन, अमेरिका के साथ मिलकर चागोस के डिएगो गार्सिया द्वीप पर सैन्य अड्डे का संचालन करता है जो कि हिंद महासागर में उसे रणनीतिक बढ़त दिलाता है।

क्या था पूरा विवाद?
दरअसल, 1960-70 के दशक में ब्रिटेन ने चागोस द्वीप समूह में रहने वाले लोगों को निष्कासित कर दिया था। इस घटना को मानवता के खिलाफ अपराध के रूप में देखा जाता है। साल 1968 में जब मॉरीशस को आजादी मिली उसके बावजूद भी ब्रिटेन ने इस क्षेत्र पर कब्जा बरकरार रखा था। 2019 से 2021 के बीच अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भी मॉरीशस के पक्ष में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने माना था कि ब्रिटेन ने 1968 में स्वतंत्रता देने से पहले चागोस द्वीपों को मॉरीशस से गैरकानूनी तरीके से अलग किया था।

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